शुक्रवार, 31 जुलाई 2015

पाकिस्तान सोच के दुर्मति दुर्मुख दिक्पराज्य सिंह फरमाते हैं

 मेमन को फांसी के मामले में सरकार और न्यायालय ने जो क्षिप्रता और व्यग्रता दिखलाई है उसने सरकार और न्यायपालिका दोनों की साख को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है बट्टा लगाया है।

जनाब दिक्पराज्य सिंह आपने देश के सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना की है। आप जिस सोनिया मायनों के चिरकुट हैं उसकी कांग्रेस ने तो कांग्रेस शब्द को ही दुनिया भर में बदनाम कर दिखाया है। वह हुश हुश करके ४४ सांसदों को रोज़ संसद में झमूरे की तरह नचाती है।

नांच मेरे चिरकुट नांच तुझे पैसा मिलेगा …।

एक दहशद गर्द को "ओसामाजी "सम्बोधन देने वाले आतंकियों के ये रहनुमा देखिये क्या कह रहे हैं मुंबई बम विस्फोटों के अपराध सिद्ध याकूब को फांसी के मुद्दे पर :

Digvijaya Singh


Congress leader and former Madhya Pradesh chief Minister Digvijaya Singhhas landed himself in hot waters once again.

In a series of tweets about the execution of 1993 Mumbai blasts convict Yakub Abdul Razak Memon, Digvijay Singh said, "Yakub Memon hanged. Exemplary urgency and commitment has been shown by Govt and Judiciary in punishing an accused of Terror."

In the following tweet he said, "I hope similar commitment of Govt and Judiciary would be shown in all cases of Terror irrespective of their Caste Creed and Religion."

इन पाकिस्तान सोच के लोगों ने देश को दो फाड़ कर दिया है :

एक तरफ ये न्यायपालिका विरोधी संविधान विरोधी लोग हैं दूसरी और भारतधर्मी वृहत्तर समाज। जिन्नाओं की खेती कर रहें हैं ये देश में। इन्हें रोका नहीं गया तो ये देश में दंगे करवा देंगे। वोट के लिए 'गु' (मल ) खा लेंगे ये चिरकुट बौद्धिक भकुए । संविधान को तो इनकी अम्मा १९७५ में ही तोड़ गईं  थीं रही सही कसर अब  इनकी मम्मीजी पूरी करवा रहीं  हैं। 

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