मंगलवार, 19 जुलाई 2016

ता कउ बिघनु न लागै कोइ ,जा कै रिदै बसै हरि सोइ

ता कउ बिघनु न लागै कोइ ,जा कै रिदै बसै  हरि सोइ 

भावार्थ : उसे कोई आपदा (आफत ,मुसीबत ,विघ्न -बाधा )नहीं छू सकती जिसके मन में हरि का नाम बसता है। 

जिनके हृदय  (हृद्य )  हरि नाम बसै ,तिन और को नाम लियो न लियो ,

जिन मातु पिता की सेवा की ,उन तीरथ धाम कियो न कियो 

एक आस राखहु मन माहि माहि ,सरब रोग नानक मिटि जाहि। 

सिर्फ एक की आशा मन में रखो ,फिर सारे रोग नाश हो जायेंगे। 



Jinke Hriday Shri Ram Base-Mukesh

  • 7 years ago
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Jinke Hriday Shri Ram Basey Bhajan Singer: Mukesh Year-1976 Music- Murli Manohar Swarup Lyrics: Deepak(?) Used to hear ...

3 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

प्रभू को पाने की आशा ... बस यही आशा मन में रहे तो चहूँ और शांति ही है ...

दिगम्बर नासवा ने कहा…

प्रभू को पाने की आशा ... बस यही आशा मन में रहे तो चहूँ और शांति ही है ...

कविता रावत ने कहा…

जिसके मन में हरि बसें हों, उसे कष्ट कैसे होगा

बहुत सुन्दर..