गुरुवार, 28 जुलाई 2016

जिस प्यारे सिउ नेहू ,तिस आगे भरि चली ऐ , धिगु जीवन संसार ,ताके पाछे जीवणा , धिगु जीवन संसार

जिस प्यारे सिउ नेहू ,तिस आगे भरि चली ऐ ,

धिगु जीवन संसार ,ताके पाछे जीवणा ,

धिगु जीवन संसार।

            -------गुरु श्रीअगंद साहब

जिससे हमारा प्रेम है उसके सामने शरीर छोड़ना ही जीवन का श्रेयस है (उसी में जीवन का कल्याण है ),उसके बाद जीना निष्फल है धिक्कार है ऐसे जीवन को।

https://www.youtube.com/watch?v=popB4l_42dk


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