शनिवार, 13 अगस्त 2016

अमर भारती सलिला की 'गुरमुखी 'सुपावन धारा। पहन नागरी पट ,उसने अब भूतल -भ्रमण विचारा।


अमर भारती सलिला की 'गुरमुखी 'सुपावन धारा।

पहन नागरी पट ,उसने अब भूतल -भ्रमण विचारा।

अकाल पुरख के बचन सिउ परगट चलाइयो पंथ।

सभ सिक्खन को बचन है गुरु मानीओ ग्रन्थ।

गुरु खालसा जानीओ प्रगट गुरु की देह।

जो सिख मो मिलबो चहै खोज इनी मो लेह।

प्रत्येक क्षेत्र प्रत्येक संत की वाणी।

सम्पूर्ण विश्व में घर -घर है पहुँचानी।

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