रविवार, 6 नवंबर 2016

मेरे अज़ीमतर दोस्तों सुनिये समझिये अमरीकी चुनाव की बारीकियां इतिहासिक परिप्रेक्ष्य को साथ लिए

मेरे अज़ीमतर दोस्तों सुनिये समझिये अमरीकी चुनाव की बारीकियां इतिहासिक परिप्रेक्ष्य  को साथ लिए मेरे भाई जैसे सखा शिवकांत जी की आश्वस्त करती हुई आवाज़ में ,आगे भी जारी रहेगी यह श्रृंखला चुनाव संपन्न होने तक ,फिलवक्त समझिये ,बूझिये बार -बार सुनिये ,मज़ा आएगा समझ बढ़ेगी कैसे चल रहा है अमरीकी लोकतंत्र ,तुरुप का पत्ता वहां प्रतिनिधि या इलेकटर्स के हाथ में होता है हालांकि उसका नाम किसी भी राज्य में कोई नहीं जानता ,क्योंकि वोट पड़ते हैं दोनों पार्टियों के नामजद राष्ट्रपतियों के नाम पर।वो तमाम बातें इस चुनाव में उछली हैं जिनके लिए अमरीका कभी नहीं जाना गया। हिलेरी का लंबा राजनयिक अनुभव ,वाइट हाउस से उनकी नज़दीकियां कुछ लोगों को बोझ लगतीं हैं ,ओसामा का खात्मा किसी को नहीं दिखता। हिलेरी और ओबामा की  सौम्यता सर्व -ग्राह्यता अपनी जगह बरकरार है चुनावी अर्थमेटिक अपनी जगह ,ट्रम्प अपनी बदनामी को खूब भुना रहें हैं जैसे बदनाम होना सर्वसमावेशी छवि को खोते चले जाना ही वह चेंज हो जिसे वह उछालते चले जा रहें हैं। गलतियां सभी से होतीं हैं हिलेरी से भी हुईं होंगी लेकिन उन्होंने कभी उनका महिमामंडन नहीं किया। बहरसूरत आई शट आप माई  माउथ (माउस )आप शिव भाई को सुनियेगा -  

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